FIIs-DIIs Data 20 दिसंबर 2024 को विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने भारतीय शेयर बाजार में भारी बिकवाली की, जिससे बाजार पर दबाव बढ़ गया। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के अनुसार, FIIs ने -3,597.82 करोड़ रुपये की बिकवाली की। इसके विपरीत, घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने 1,374.37 करोड़ रुपये की खरीदारी कर कुछ हद तक संतुलन बनाए रखा।
FIIs-DIIs Data बिकवाली के मुख्य कारण
1. मजबूत अमेरिकी डॉलर का दबदबा
- अमेरिकी डॉलर में मजबूती ने उभरते बाजारों से विदेशी निवेशकों को दूर कर दिया।
- जब डॉलर मजबूत होता है, तो निवेशक अपने पोर्टफोलियो को कम जोखिम वाले अमेरिकी बाजारों की ओर शिफ्ट कर देते हैं।
2. साल के अंत में FII का निवेश पैटर्न
- दिसंबर के अंत में आमतौर पर FII छुट्टी पर रहते हैं, जिससे बाजार में बिकवाली का सिलसिला बढ़ जाता है।
- जनवरी के अंत में उनके लौटने पर निवेश गतिविधियों में सुधार होने की संभावना होती है।
3. रुपये की गिरावट
- भारतीय रुपया हाल ही में दबाव में रहा, जिससे निवेशकों की चिंताएं बढ़ गईं।
- हालांकि, विशेषज्ञ समीर अरोड़ा का कहना है कि भारत की मुद्रा अन्य उभरते बाजारों की तुलना में बेहतर स्थिति में है।
DII की खरीदारी और बाजार पर प्रभाव
DIIs ने 1,374.37 करोड़ रुपये की खरीदारी की, जो FIIs की बिकवाली से उत्पन्न दबाव को संतुलित करने में सहायक रही।
- DIIs द्वारा की गई खरीदारी आमतौर पर घरेलू निवेशकों के भरोसे को दर्शाती है।
- भारत के मजबूत बुनियादी आर्थिक संकेतक और आगामी बजट की उम्मीदें DIIs को सक्रिय रख रही हैं।
FIIs की खरीद-बिक्री रिपोर्ट (दिसंबर 2024)
नीचे दिसंबर 2024 में विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) द्वारा भारतीय शेयर बाजार में की गई खरीद-बिक्री का विस्तृत विवरण दिया गया है:
तारीख | FIIs की गतिविधि (खरीद/बिक्री) |
---|---|
20 दिसंबर 2024 | -3,597.82 करोड़ रुपये की बिकवाली |
19 दिसंबर 2024 | -4,224.92 करोड़ रुपये की बिकवाली |
18 दिसंबर 2024 | -1,316.81 करोड़ रुपये की बिकवाली |
17 दिसंबर 2024 | -6,409.86 करोड़ रुपये की बिकवाली |
16 दिसंबर 2024 | -278.70 करोड़ रुपये की बिकवाली |
13 दिसंबर 2024 | 2,335.32 करोड़ रुपये की खरीदारी |
12 दिसंबर 2024 | -3,560 करोड़ रुपये की बिकवाली |
11 दिसंबर 2024 | -1,012.24 करोड़ रुपये की बिकवाली |
10 दिसंबर 2024 | +1,285 करोड़ रुपये की खरीदारी |
9 दिसंबर 2024 | +724 करोड़ रुपये की खरीदारी |
6 दिसंबर 2024 | -1,830.31 करोड़ रुपये की बिकवाली |
5 दिसंबर 2024 | +8,539.91 करोड़ रुपये की खरीदारी |
4 दिसंबर 2024 | +1,797.60 करोड़ रुपये की खरीदारी |
3 दिसंबर 2024 | +3,664.67 करोड़ रुपये की खरीदारी |
2 दिसंबर 2024 | -238.28 करोड़ रुपये की बिकवाली |
अनुभवी फंड मैनेजर समीर अरोड़ा का दृष्टिकोण
1. रुपये और बाजार की स्थिरता
- समीर अरोड़ा का मानना है कि भारतीय बाजार रुपये की कमजोरी को लेकर चिंतित हो सकता है, लेकिन भारत की स्थिति अन्य बाजारों की तुलना में मजबूत है।
- उन्होंने कहा कि दुनिया के अन्य बड़े और छोटे बाजारों में भारत की तुलना में ज्यादा गिरावट देखी गई है।
2. बजट 2025 से उम्मीदें
- आगामी केंद्रीय बजट 2025 में संभावित सकारात्मक घोषणाओं से बाजार में स्थिरता आने की उम्मीद है।
- सरकार की नीतियां निवेशकों के विश्वास को बढ़ा सकती हैं।
3. आईटी और डिजिटल कंपनियों का आकर्षण
- समीर अरोड़ा आईटी सेक्टर और नई डिजिटल कंपनियों के शेयरों को लेकर आशावादी हैं।
- यह क्षेत्र मजबूत विकास दर और तकनीकी उन्नति के कारण निवेशकों का ध्यान आकर्षित कर रहा है।
क्या बाजार की गिरावट जारी रहेगी?
मौजूदा बिकवाली का कारण वैश्विक और स्थानीय आर्थिक स्थितियां हैं। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि यह गिरावट अस्थायी है। अगले महीने तक बाजार में स्थिरता लौटने की संभावना है।
आगे का रास्ता: निवेशकों के लिए सुझाव
1. धैर्य बनाए रखें
- बाजार में अस्थिरता का सामना धैर्य और रणनीतिक निवेश के साथ करें।
2. सेक्टर-विशिष्ट निवेश
- आईटी, डिजिटल और उपभोक्ता-उन्मुख सेक्टर में निवेश करें, जो विकास के संकेत दिखा रहे हैं।
3. लंबी अवधि का नजरिया रखें
- छोटी अवधि की अस्थिरता से विचलित न हों और लंबी अवधि में गुणवत्ता वाले शेयरों पर ध्यान दें।
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Disclaimer: म्यूचुअल फंड और शेयर बाजार में निवेश जोखिम पर आधारित होता है। शेयर बाजार में निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से सलाजरूर लें। investingguru.in किसी भी वित्तीय नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे।